Shashank Singh on Shreyas : शतक की टेंशन मत लो! श्रेयस अय्यर के 97 पर नॉट आउट रहने का खुलासा, शशांक सिंह ने बताया बड़ा राज!

आईपीएल 2025 के एक बेहद रोमांचक मुकाबले में श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने शानदार बल्लेबाजी की, लेकिन वह महज तीन रनों से शतक पूरा नहीं कर सके। मैच के बाद हर कोई यही सवाल कर रहा था कि आखिर श्रेयस ने अपना शतक क्यों नहीं पूरा किया? इस पर उनके साथी खिलाड़ी शशांक सिंह (Shashank Singh on Shreyas) ने बड़ा खुलासा किया है।

शशांक सिंह ने खोला राज – “शतक की टेंशन मत लो…”


मैच के बाद जब मीडिया ने शशांक सिंह से श्रेयस अय्यर के 97 पर नॉट आउट रहने की वजह पूछी, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। उन्होंने बताया, “श्रेयस अपनी पारी को लेकर बिल्कुल भी शतक की चिंता में नहीं थे। वह बस टीम को जीत दिलाने पर फोकस कर रहे थे।” दरअसल, जब वह 90 के पार पहुंचे, तो साथी खिलाड़ियों ने उनसे कहा कि वह शतक की ओर ध्यान दें, लेकिन श्रेयस ने जवाब दिया, “शतक की टेंशन मत लो, बस मैच जिताना जरूरी है!”

Shashank Singh on Shreyas

कैसे रह गए श्रेयस अय्यर 97 पर नॉट आउट?


श्रेयस अय्यर ने मैच में जबरदस्त बल्लेबाजी की और हर गेंदबाज की जमकर धुनाई की। लेकिन अंतिम ओवरों में जब उन्हें शतक पूरा करने के लिए सिर्फ तीन रन चाहिए थे, तब उन्होंने सिंगल लेकर दूसरे बल्लेबाज को स्ट्राइक दे दी। इसके बाद बाकी गेंदों पर टीम ने जीत के लिए जरूरी रन बना लिए और श्रेयस 97 पर ही नॉट आउट रह गए।

Shashank Singh on Shreyas Iyer की बातों से साफ हो गया कि श्रेयस के लिए शतक से ज्यादा टीम की जीत अहम थी। उन्होंने खुद से पहले टीम को रखा और यह दिखाया कि वह सिर्फ व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए नहीं बल्कि टीम के लिए खेलते हैं। यही वजह है कि श्रेयस अय्यर को एक बेहतरीन टीम प्लेयर माना जाता है।

फैंस की जबरदस्त प्रतिक्रिया


श्रेयस अय्यर के 97 पर नॉट आउट रहने के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने जबरदस्त प्रतिक्रिया दी। कुछ लोग जहां उनकी निस्वार्थ सोच की तारीफ कर रहे थे, वहीं कुछ फैंस को यह अफसोस था कि वह महज तीन रन से शतक से चूक गए। हालांकि, शशांक सिंह के बयान के बाद यह साफ हो गया कि श्रेयस के लिए शतक से ज्यादा टीम की जीत मायने रखती थी।

Shashank Singh on Shreyas Iyer के बयान से यह स्पष्ट है कि श्रेयस अय्यर सिर्फ एक अच्छे बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक सच्चे लीडर भी हैं। उन्होंने अपनी पारी में धैर्य और मैच विनिंग अप्रोच दिखाई, जो हर युवा क्रिकेटर के लिए सीखने योग्य है। चाहे वह शतक से चूक गए हों, लेकिन उनके इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि वह टीम के लिए हमेशा अपना 100% देते हैं।

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