राजस्थान के कई जिलों में पानी की कमी अब बीते दिनों की बात होने वाली है। सरकार ने एक नई योजना के तहत 200 किलोमीटर लंबी नहर बनाने का निर्णय लिया है, जो इन क्षेत्रों में पानी की समस्या को दूर करेगी और किसानों की जिंदगी में खुशहाली लाएगी।
क्या है यह नहर योजना?
इस नहर का निर्माण पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) के तहत किया जा रहा है। यह नहर नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक योजना का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 200 किलोमीटर होगी। इस परियोजना के लिए लगभग 5046 परिवारों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस नहर के माध्यम से चंबल नदी का पानी इन क्षेत्रों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा और सिंचाई की सुविधा मजबूत होगी।

किन जिलों को मिलेगा लाभ?
यह नहर योजना 10 से अधिक जिलों को प्रभावित करेगी, विशेष रूप से उन क्षेत्रों को जहां सूखा और बाढ़ की दोहरी समस्या है। रामगढ़, महलपुर, नवनेरा, बीसलपुर और ईसरदा जैसे इलाकों को इस योजना से सीधा लाभ मिलेगा।
कितना आएगा खर्च?
परियोजना के पहले चरण में रामगढ़-महलपुर में एक बैराज और नवनेरा में पंप हाउस का निर्माण किया जाएगा, जिस पर लगभग 9600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2028 तक चंबल का पानी बीसलपुर और ईसरदा बांध तक पहुंचा दिया जाए, जिससे खेतों और लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके।
जनसुनवाई में क्या बोले लोग?
हाल ही में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ जनसुनवाई की गई, जिसमें कई गांव वालों ने अपनी चिंताएं साझा कीं। कुछ लोगों ने जमीन के मुआवजे को लेकर सवाल उठाए, जबकि कुछ ने योजना के लाभों की सराहना की। अधिकारियों ने लोगों को समझाया कि यह योजना न केवल वर्तमान में बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।